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ट्रैक्टर रैली कांग्रेस की किसान विरोधी सोच का प्रमाणः भाजपा

Bynewsadmin

Nov 10, 2020

देहरादून: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. देवेंद्र भसीन ने कांग्रेस द्वारा डोईवाला में निकाली गई ट्रैक्टर रैली को किसान विरोधी और गैरसैंण के लिए मुख्यमंत्री द्वारा घोषित विकास महायोजना को चुनावी घोषणा बताए जाने पर कांग्रेस को विकास विरोधी बताया।
आज यहां एक बयान में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. देवेंद्र भसीन ने कहा कि डोईवाला में कांग्रेस द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर रैली कांग्रेस की किसान विरोधी सोच का प्रमाण है। कांग्रेस नहीं चाहती कि किसान बिचैलियों के शोषण व चंगुल से छूटे क्योंकि स्वयं कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता बिचैलियों का काम करते हैं और किसानों का शोषण करने से पीछे नहीं हटते। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों के हित में बनाए गए 3 अधिनियम जो किसानों को बिचैलियों से आजादी दिलाने वाले, अपनी उपज अपनी इच्छा के अनुसार कहीं पर भी बेचने और इच्छा के अनुसार दाम मांगने की आजादी देते हैं, कांग्रेस को पसंद नहीं हैं। भाजपा किसानों की आय को दोगुना करने के लिए कृत संकल्प है और ये अधिनियम उसी दिशा में एक बड़ा कदम भी हैं, लेकिन कांग्रेस किसानों को भ्रमित करने की कोशिश में है। उन्होंने कहा कि न तो मंडियां समाप्त हो रही हैं और न ही न्यूनतम समर्थन मूल्य को हटाया गया है। लेकिन कांग्रेस किसानों को गुमराह करने की कोशिश में लगी है, किंतु अब उसकी पोल खुल चुकी है और देश में बिचैलियों को छोड़कर सभी किसान इन अधिनियमों की प्रशंसा कर रहे हैं और इनका लाभ भी प्राप्त कर  रहे है किंतु कांग्रेस अभी भी अपने हरकतों से बाज नहीं आ रही। डोईवाला में निकाली गई रैली इसी का एक उदाहरण है।
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ने कांग्रेस नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा गैरसैंण के विकास के लिए घोषित की गई 25 हजार करोड़ रुपए की महायोजना की आलोचना करने पर उन्हें विकास विरोधी बताया और कहा कि उचित तो यह होता कांग्रेस  इस घोषणा का स्वागत करती और इस कार्य में सहयोग देने की बात करती लेकिन कांग्रेस ने इसे चुनावी घोषणा बता कर अपनी पोल खुद ही खोल दी है। क्योंकि यह कांग्रेस का चरित्र है कि वह चुनाव के समय बड़ी-बड़ी बातें करती है और व्यवहार में उन्हें लागू नहीं करती। लेकिन भाजपा जो कहती है वह करती है। कांग्रेस नेताओं को समझ लेना चाहिए कि जनता अब उनके भ्रम में आने वाली नहीं है और उत्तराखंड में वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हालत पिछले विधानसभा चुनाव से भी अधिक खराब होने वाली है

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