काशीपुर: सिक्किम में शहीद हुए काशीपुर के लाल हिमांशु नेगी का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह सात बजे उनके आवास पांडे कॉलोनी पहुंचा। सेना के जवान जब पार्थिव शरीर को लेकर उनके आवास पहुंचे तो वातावरण शोकाकुल हो गया। हजारों लोगों ने नम आंखों से शहीद को श्रद्धांजलि दी।
27 मार्च 2019 को हिमांशु कुमाऊँ रेजीमेंट में बतौर सिपाही भर्ती हुए थे। घर में 90 वर्षीय दादी सरूली देवी, मां कमला देवी, भाई बिरेंद्र व चंदन है। उसकी छोटी बहन दीपा रामनगर के पीएनजी कॉलेज में बीएससी फर्स्ट ईयर की छात्रा है। हिमांशु के दादा जय सिंह भी फौज में सिपाही थे। वह भी 1980 में गंगटोक में शहीद हुए थे।
हिमांशु बुधवार को सिक्किम में सेना के वाहन से गंगटोक जाते समय शहीद हो गए थे। उनका पार्थिव शरीर पहले शुक्रवार दोपहर तक काशीपुर पहुंचना था, लेकिन सिक्किम में मौसम खराब होने के चलते विमान उड़ान नहीं भर सका। ऐसे में शुक्रवार शाम को शव दिल्ली और फिर दिल्ली से हल्द्वानी होते हुए शनिवार सुबह लगभग सात बजे काशीपुर पांडे कॉलोनी उनके आवास पहुंचा। शव पहुंचते ही परिवार व क्षेत्रवासियों में कोहराम मच गया। पिता हीरा सिंह, बहन दीपा, मां कमला, भाई बिरेंद्र और चंदन सहित वहां मौजूद हजारों लोगों की आंखें नम हो गई। हजारों की संख्या में लोग अंतिम दर्शनों के लिए उमड़ पड़े।