नैनीताल। मण्डलायुक्त अरविन्द सिंह ह्यांकी ने मण्डल के जनपदों में कोविड.19 संक्रमण की संभावित तीसरी लहर दैवीय आपदाए जिला योजनाएं राज्य योजना तथा हरेला पर्व की तैयारियों की वीसी के माध्यम से गहनता से समीक्षा की। श्री ह्यांकी ने हरेला पर्व की तैयारियों की समीक्षा के दौरान मण्डल के जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि हरेला पर्व पर वृहद्ध पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया जाये तथा कार्यक्रम में कोविड.19 सम्बन्धी दिशा.निर्देशों का भी अनुपालन किया जाये।
उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों के साथ ही क्षेत्रीय जनता की भी अधिक से अधिक सहभागिता सुनिश्चित की जाये। उन्होंने निर्देशित करते हुए कि जलीय क्षेत्रों.तालाबए चाल.खालए नदियों आदि के किनारे पौधारोपण में विशेष ध्यान दिया जाये। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि ऐंसे भू.स्खलन वाले जहाॅ पौधारोपण किया जाना संभव होंए उन स्थानों भू.स्खलन रोकने में सहायक पौधों का रोपण किया जाये। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि जीव.जन्तुओं एवं मानव की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए फलदारए चैड़ी पत्तीदार एवं जानवरों के चारे वाले पौधों का मुख्य रूप से रोपित किया जाये। उन्होंने भविष्य को ध्यान रखते हुए पौधारोपण कार्यक्रम को व्यवस्थित ढंग से क्रियान्वित करने के निर्देश देते हुए कहा कि लगाये जाने वाले पौधों की देख.रेख हेतु अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी जाये।
वीसी में जिलाधिकारी नैनीताल धीराज सिंह गब्र्याल ने बताया कि जनपद में हरेला पर्व पर लगभग एक लाख बासठ हजार पौधें लगानेए डीएम बागेश्वर ने बहत्तर हजार पौधे लगानेए डीएम चम्पावत ने एक लाख पौधे लगानेए डीएम पिथौरागढ़ ने एक लाख पचपन हजारए डीएम ऊधम सिंह नगर ने एक लाख छियासी हजारए सीडीओ अल्मोड़ा ने बताया कि बयालीस हजार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। जिलाधिकारियों द्वारा बताया गया कि हरेला पर्व की सभी तैयारियाॅ समय से की जा रहीं हैं।
उन्होंने दैवीय आपदा सम्बन्धी तैयारियों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी आपदा कन्ट्रोल रूम का नम्बर 24 घण्टे संचालित रहे तथा कन्ट्रोल रूम में एक से अधिक दूर.संचार कम्पनियों के नम्बर का उपयोग किया जाये ताकि कन्ट्रोल रूम में नेटवर्क कनेक्टिविटी की समस्या न रहे। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि मवेशियों की मृत्यु एवं आपदा से होने वाले नुकसान की जाॅच प्राथमिकता के आधार पर शीघ्रता से पूर्ण की जाये। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि दैवीय आपदा के दौरान होने वाली क्षति का प्रभावितों को तुरन्त मुआवजा एवं राहत राशि उपलब्ध करायी जाये। आपदा के दौरान रेस्पोंस टाइम कम से कम होना चाहिए। रास्ते बन्द होंने पर उन्हें शीघ्रता से खोला जाये। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि दैवीय आपदा के दौरान राहत.एवं बचाव कार्य हेतु आवश्यकता पड़ने पर जिलाधिकारी तुरन्त हैली सेवा का उपयोग करना सुनिश्चित करें ताकि समय से राहत.एवं बचाव कार्य किया जा सके।