स्वामी विवेकानंद वेदांत के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। 21वीं सदी में भी उनके विचारों का युवाओं और आम जन पर खासा प्रभाव है। उनके विचार लोगों की सोच और व्यक्तित्व को बदलने वाले हैं। करोड़ों युवा आज भी विवेकानंद को अपना आदर्श मानते हैं।
सन् 1893 में अमेरिका के शिकागो में विवेकानंद ने विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया और आध्यात्मिकता से परिपूर्ण भारतीय वेदांत दर्शन को अमेरिका और यूरोप के क्षितिज में फैला दिया। रामकृष्ण परमहंस के सुयोग्य शिष्य स्वामी विवेकानंद ने अपने शिकागो भाषण की शुरुआत , ‘मेरे अमेरिकी भाइयों एवं बहनों’ के साथ की थी। उनके इस संबोधन के प्रथम वाक्य ने दुनिया का दिल जीत लिया।
ऊर्जा से भर देने वाले स्वामी विवेकानंद के 10 अनमोल विचार-
1. उठो, जागो और तब तक नहीं रुको, जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाए।
2. बस वही जीते हैं, जो दूसरों के लिए जीते हैं।
3. हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिए कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं। विचार रहते हैं। वे दूर तक यात्रा करते हैं।
4. जो तुम सोचते हो वो हो जाओगे। यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो, तुम कमजोर हो जाओगे, अगर खुद को ताकतवर सोचते हो, तुम ताकतवर हो जाओगे।
5. एक विचार लो। उस विचार को अपना जीवन बना लो, उसके बारे में सोचो उसके सपने देखो, उस विचार को जियो। अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो, और बाकी सभी विचार को किनारे रख दो। यही सफल होने का तरीका है।
6. तुम फुटबॉल के जरिए स्वर्ग के ज्यादा निकट होगे बजाए गीता का अध्ययन करने के।
7. किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आए, आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।
8. सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव के प्रति सच्चा होना। स्वयं पर विश्वास करो।
9. एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
10. ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हमीं हैं जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है।