देहरादून: मुस्लिमों का पवित्र हज यात्रा के लिए हर साल लाखों मुस्लिम वहां जाने के लिए अपनी किस्मत को आजमाते हैं। लेकिन पवित्र हज यात्रा सभी को नसीब नहीं हो पाती है। मुस्लिमों का पवित्र शहर मक्का में प्रतिवर्ष विश्व के लाखों लोग पहुंचते हैं तो वहीं देवभूमि उत्तराखंड से भी भारी तादाद में मुस्लिम हज यात्रा को जाते हैं। वही, सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार आबादी के हिसाब से हज यात्रा किया जाना एक बहुत बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
दरअसल, आरटीआई ( सूचना का अधिकार) से मिली जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड बनने से लेकर अभी तक 19615 हज यात्रियों ने हज यात्रा किए हैं। यही नहीं जानकारी से यह भी पता चला है कि हज यात्रा किए जाने पर राज्य सरकार द्वारा कोई पैसा वहन नहीं किया जाता है, बल्कि हज यात्री अपने स्वयं के खर्चे से हज यात्रा को जाते हैं। जानकारी के मुताबिक, हज यात्रा करने वाले यात्री अपना पैसा सीधे हज कमेटी ऑफ इंडिया मुंबई के खाते में पैसा जमा कराता है। जबकि, राज्य सरकार के खाते में पैसा जमा नहीं होता है। सूचना में बताया गया है कि हज यात्रा के लिए राज सरकार से कोई बजट का प्रावधान नहीं है और हज यात्री अपने खर्चे से यात्रा करते हैं। गौरतलब है कि उत्तराखंड की आबादी में करीब 14 लाख मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं। जिसमें से 19,615 लोग हज यात्रा किया जाना एक बहुत बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। हल्द्वानी के कैनाल रोड के रहने वाले हेमंत गोनिया ने पूरी जानकारी आरटीआई के माध्यम से राज्य हज समिति से मांगी थी।