• Fri. Nov 22nd, 2024

संसद के बाद अब सड़क पर जंग, नौ को कांग्रेस तो 12 अप्रैल को भाजपा करेगी देशव्यापी अनशन

Bynewsadmin

Apr 7, 2018

नई दिल्ली:  संसद के भीतर तीन हफ्ते तक एक-दूसरे के आमने-सामने खड़ी भाजपा और कांग्रेस अब इस लड़ाई को सड़क तक ले जाने की तैयारी में जुट गई है। दोनों दलों ने संसद नहीं चलने देने के लिए एक-दूसरे को दोषी बताते हुए देशव्यापी अनशन का एलान कर दिया है। इसकी बानगी संसद परिसर में देखने को मिल गई। जहां दोनों दलों के सांसदों ने एक-दूसरे के खिलाफ धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया।

23 दिनों तक संसद के भीतर के हंगामे का नजारा सत्र समापन के बाद बाहर भी दिख गया और चुनावी मौसम में आने वाले दिनों में भी दिखेगा। दरअसल इसका पूरा खाका तैयार होने लगा है। भाजपा सांसदों व मंत्रियों ने संसद नहीं चलने देने के लिए संसद परिसर में महात्मा गांधी की मूर्ति के नीचे धरना प्रर्दशन किया तो कांग्रेस के सांसद भी भाजपा के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वहां पहुंच गए। आमने-सामने की नारेबाजी के बाद भाजपा नेताओं ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा तक मार्च निकाला।

उससे पहले सुबह ही भाजपा ने आगे का खाका तैयार कर लिया था। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा सांसदों को टास्क दे दिया है। सभी सांसद अपने -अपने क्षेत्रों में संसद नहीं चलने देने के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराते हुए 12 अप्रैल को पूरे दिन अनशन करेंगें। इसके जवाब में कांग्रेस ने भी भाजपा पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए नौ अप्रैल को सभी जिला मुख्यालयों पर अनशन कर ऐलान कर दिया। भाजपा सांसदों ने पहले ही इस सत्र का वेतन नहीं लेने का ऐलान कर दिया है।

अनशन के साथ ही भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दलितों के मुद्दे पर कांग्रेस के हमले का जवाब देने की रणनीति भी तैयार कर ली है। इसके लिए सभी भाजपा सांसदों को अपने-अपने क्षेत्रों में दलितों के मसीहा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के जन्मदिन के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित करने को कहा गया है। यह सभी सांसदों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही भाजपा 14 अप्रैल से पांच मई तक ‘ग्राम स्वराज अभियान’ चलाने की योजना तैयार की है। इसके तहत सभी भाजपा सांसद अपने-अपने क्षेत्रों में एक रात ऐसे गांव में गुजारेंगे, जिसकी आबादी एक हजार से अधिक है। इस दौरान सांसद उज्जवला और मुद्रा योजना समेत केंद्र सरकार की सात योजनाओं को शतप्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने पार्टी सांसदों को बताया कि देश में 50,844 गांव ऐसे हैं, जिनमें 50 फीसदी से अधिक आबादी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों की है। जाहिर है भाजपा की कोशिश अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों को अब तक दिये गए कोरे आश्वासन की जगह मोदी सरकार के ठोस काम को दिखाने की है।

अभी तक भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश में पीछे छूट गई कांग्रेस के तेवर भी चुनावी साल में तीखे हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी नीतियों पर राहुल गांधी के रोजाना कटाक्ष वाले ट्विटर के अलावा कांग्रेस ने जमीन पर भाजपा के साथ लड़ाई का मन बना लिया है। नौ अप्रैल को सभी जिला मुख्यालयों पर अनशन इसी रणनीति की एक कड़ी है। पार्टी के वरिष्ट नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा सांसदों के वेतन नहीं लेने और अनशन को नाटक बताते हुए कहा कि संसद नहीं चलने के लिए पूरी तरह भाजपा जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि नौ अप्रैल को कांग्रेस पूरे देश में भाजपा के इस झूठ को बेनकाब करेगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि राज्यसभा के सभापति के सामने उन्होंने सत्र को 15 दिनों तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था, ताकि अहम मुद्दों पर बहस हो सके। लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *