जनवक्ता ब्यूरो शिमला
उद्योग, श्रम एवं रोजगार मंत्री बिक्रम सिंह ने बुधवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से भेंट की तथा प्रदेश के सिरमौर जिले में पट्टे पर दी गई खदानों के सन्दर्भ में खनन मालिकों को आ रही समस्याओं पर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया।
उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि खनन पट्टे धारकों को केन्द्रीय पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा नोटिस जारी किए गए है, जिसके अन्तर्गत पहले से प्रदान की गई पर्यावरण स्वीकृति पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि यह लोग प्रदेश सरकार द्वारा विधिवत दी गई स्वीकृति के बाद खनन गतिविधियां में लिप्त थे। स्वीकृतियों जारी करने से पूर्व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी वांछित स्वीकृतियां विभिन्न सरकारी एजेंसियों से ली गई थी। पर्यावरण स्वीकृति से सम्बन्धित मामले, जो राष्ट्रीय हरित अधिकरण के 4 मई, 2016 को पारित आदेशों के बाद अनिवार्य मामलों में मंत्रालय के पास निर्णय के लिए लम्बित पड़े थे, हालांकि सम्बन्धित पक्षों ने इन मुददों को समय रहते मंत्रालय से उठाया था।
बिक्रम सिंह ने कहा कि पर्यावरण तथा वन मंत्रालय द्वारा पर्यावरण स्वीकृति को रोकने की वजह से खनन गतिविधियां में बन्द होने की स्थिति उत्पन्न हो रही है जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्र के बड़ी संख्या में लोगों के रोजगार का नुकसान हुआ है और इसके कारण गरीबी, बेरोजगारी तथा गैर-व्यवहार्य आर्थिक संसाधनों की उपलब्धता में कमी आई है।
उन्होंने मांग की कि केन्द्रीय मंत्री को इस मामले में व्यक्तिगत रूप से समीक्षा व हस्तक्षेप करना चाहिए तथा पर्यावरण स्वीकृति जो वन तथा पर्यावरण मंत्रालय द्वारा रोक दी गई है की बहाली पर विचार करना चाहिए ताकि उपरोक्त लोग प्रभावित न हो।