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आईजीएमसी शिमला में युवक की मौत का मामला गहराया

Byjanadmin

Sep 18, 2018

इलाज में लगा था लापरवाही का आरोप
स्थानीय लोगो ने मुख्यमंत्री से की उच्च स्तरीय जांच की मांग

बिलासपुर-अरूण डोगरा रीतू
आईजीएमसी शिमला में 10 सितम्बर को जुखाला के युवक वरुण ठाकुर की मौत के बाद स्थानीय लोगो में पनपा आक्रोश थमने का नाम नही ले रहा है । मंगलवार को इस संदर्भ में नवीन कुमार , अंकित ठाकुर , अनिश , गगन , कार्तिक , मनीष , रवि , विवेक , अनिल , अमर , मुकेश , तनिष , सनी , कपिल , सन्देश , मनोहर , हरकेश , राहुल , मंजीत , रोहित , मोहिम खान , अभिषेक कुमार , अमन , अमित , मुकेश , विनोद , मनोज , अजय , अतुल ठाकुर , नवनीत शर्मा , विक्रम , सतीश , रमेश , ललित , कुलदीप , दीपक, ओमप्रकाश राकेश इत्यादि स्थानीय लोगो ने जुखाला में पत्रकार वार्ता का आयोजन करके उसमे आरोप लगाते हुए कहा कि वरुण की मौत आईजीएमसी में तैनात चिकित्सको की लापरवाही की वजह से हुई है जिसके बारे में उन्होंने जांच की मांग की । उन्होंने कहा कि आईजीएमसी संस्थान द्वारा जारी रिपोर्ट में चिकित्सको का बचाव करते हुए यह कहा गया था कि वरुण की मौत दोनों किडनी फेल होने की वजह से हुई थी इस रिपोर्ट पर संसथान के प्रिंसिपल ने खुद संदेह जाहिर करते हुए कहा था की यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट सही है जिसके बाद दूसरी रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश जारी किये थे । स्थानीय लोगो ने कहा कि संस्थान के लोग चिकित्सक को बचाने के लिए गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट बना रहे है और उन्हें इस संस्थान पर अब विश्वास नही है । उक्त लोगो ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस मामले की गहनता से जांच करने के लिए उच्च स्तरीय कमेटी बनाई जाए ताकि सबके सामने सच्चाई आ सके । इसके साथ ही उन्होंने वरुण के संपेल और पोस्टमार्टम के दौरान हुई वीडियोग्राफी को पीजीआई चंडीगढ़ भेजने की मांग की है ताकि उन सैम्पलो और वीडियोग्राफी के अनुसार वहाँ से पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करवाई जाए ताकि हकीकत का सबको पता लग सके । उक्त लोगो ने बताया कि वरुण को आठ सितम्बर को पेट दर्द हुआ था जिसके बाद उसे आईजीएमसी शिमला ले गये थे जहाँ पर तैनात चिकित्सको ने पीठ की बिमारी बता कर उसे घर भेज दिया लेकिन 9 सितम्बर को रात करीब तीन बजे दोबारा से उसके पेट में दर्द हुआ जिसके बाद उसे दुबारा आईजीएमसी शिमला पहुंचाया गया जिसके बाद सुबह करीब 5 बजे उसे आपातकाल में भर्ती किया गया । जहाँ पर तैनात चिकित्सक ने उसे सिटी स्कैन करवाने के लिए रिपन भेजा व अन्य टेस्ट आईजीएमसी शिमला में करवाए। जब रिपोर्ट आई तो उस चिकित्सक ने सीनियर चिकित्सक से सलाह लेने की राय दी जिसके बाद उसके भाई ने सीनियर चिकित्सक को उसकी स्थिति से अवगत करवाया परन्तु सीनियर चिकित्सक ने उन्हें उसे आकर देखने का आश्वाशन दिया परन्तु 9 घंटे तक सीनियर चिकित्सक उसे देखने के लिए नही पहुंचे । इस बीच उसके साथ गये परिजन बार बार सीनियर चिकित्सक से उसे देखने का आग्रह करते रहे इस बीच वरुण के परिजनों के साथ वहां पर तैनात सुरक्षा कर्मी ने अभद्र व्यवहार किया । जिसके बाद रात करीब 9 बजे वरुण को तेज दर्द शुरू हुआ जिस पर चिकित्सक ने बाहर से पेन किल्लर इंजेक्शन मंगवाया जिसको लगाने के मात्र पांच मिनट बाद वरुण बेहोश हो गया और जब उसके भाई ने उसकी साँसे देखि तो वह थम चुकी थी और शरीर का रंग भी काला पड़ चूका था जिसके बाद चिकित्सक उसे ओपरेशन रूम में ले गये और परिजनों से साड़ी रिपोर्ट की फाइल ले ली । जिसके बाद कागजों में उसको भर्ती किया गया जबकि उसकी मृत्यु पहले ही हो चुकी थी । जिसके बाद चिकित्सकों ने उसके परिजनों को यह कहा कि वरुण को हार्ट अटैक आया जिससे इसकी मृत्यु हो गई । चिकित्सको ने अपनी रिपोर्ट में उसे रात करीब साढ़े दस बजे मृत घोषित किया जबकि उसकी मृत्यु साढ़े 9 बजे हो चुकी थी ! परिजनों का आरोप है कि वरुण का समय पर आईजीएमसी शिमला में सीनियर चिकित्सक द्वारा इलाज नही किया गया अगर सही समय पर सीनियर चिकित्सक उसे देख लेते तो शायद वरुण आज जीवित होता ! उक्त लोगो ने कहा कि सीनियर चिकित्सक की इस लापरवाही को छिपाने के लिए अब आईजीएमसी शिमला संस्थान गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट बना रहा है जिस पर संस्थान के प्रिंसिपल खुद संदेह जाहिर कर चुके है कि यह रिपोर्ट सही नहीं है ! उक्त लोगो ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए ताकि भविष्य में किसी अन्य के साथ ऐसा न हो ।
फोटो- जुखाला में पत्रकारों से बात करते युवा

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