राष्ट्रीय सतत् खेती मिशन अन्न उत्पादन की बढ़ती हुई मांग को पूरा करने की है एक कुंजी – डॉ. डी.एस पंत
बिलासपुर
जिला बिलासपुर में राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा मिशन (गेहंू, दलहन व मटर) के अंतर्गत गेहंू, मक्की, मटर व दालों का उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अभियान आरंभ किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत गेहंू, मक्की, मटर व दालों का उत्पादन बढ़ाने हेतु सहायता दी जा रही है। यह जानकारी उपायुक्त विवेक भाटिया ने किसानों के हित के चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का विस्तृत ब्यौरा देते हुए बताया कि जिला में मुख्यमंत्री पॉलीहाउस नवीनीकरण योजना के अंतर्गत कृषि विभाग द्वारा पांच वर्ष पुराने निर्मित पॉलीहाउस की पॉलीशीट को बदलने हेतु 70 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है। इस योजना के लिए कृषि विभाग को 30 लाख रूपए की राशि आबंटित की गई है। उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र में चार प्रतिशत वार्षिक वृद्धि को उपलब्ध करने हेतु कृषक समुदाय विशेष कर छोटे व सीमांत कृषकों की आय में वृद्धि हेतु राष्ट्रीय कृषि विकास योजना कार्यन्वित की जा की जा रही है। उपायुक्त ने बताया कि फसल विविधिकरण कार्यक्रम के तहत वर्ष 2018-19 में 75 है. क्षेत्रफल सब्जी के अंतर्गत लाया गया है जिस पर 16-75 लाख रूपए व्यय किए गए है। इस योजना में किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर सब्जियों का बीज उपलब्ध करवाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति उप योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति से सम्बन्ध रखने वाले किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान या अधिकतम सरकार द्वारा निर्धारित अनुदान प्रदान किया जा रहा है। इस वर्ष इस योजना पर 64.02 लाख रूपए का निर्धारित लक्ष्य प्राप्त हुआ है अब तक इसके अंतर्गत 19.99 लाख रूपए व्यय किए जा चुके है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा कृषकों को चारा बीजों व चारा कटाई मशीनों पर उत्तम चारा उत्पादन योजना के अंतर्गत 50 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध करवाया जाता है। इस वर्ष इस योजना पर 35 लाख रूपए का निर्धारित लक्ष्य प्राप्त हुआ है। उपायुक्त ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा जिला में मक्की व धान की फसलों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत लाया गया है। इस योजना के अंतर्गत फसल बीमा की प्रीमियम राशि दर को खरीफ में 2 प्रतिशत किसानों द्वारा तथा शेष प्रीमियम राशि दर को सरकार द्वारा वहन किया गया है। मक्की व धान की फसलों पर बीमित राशि 30 हजार रूपए प्रति हैक्टेयर है।
उन्होंने बताया कि जिला में खरीफ मौसम में लगने वाली अदरक तथा टमाटर की फसल को मौसम आधारित फसल बीमा योजना मे अंतर्गत लाया गया है। इस योजना के अंतर्गत फसल बीमा की 5 प्रतिशत प्रीमियम राशि दर को किसानों द्वारा तथा शेष प्रीमियम राशि दर को सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। टमाटर की फसल का प्रति हैक्टेयर बीमा 1 लाख व अदरक की फसल का बीमा 1.50 लाख रूपए निर्धारित किया गया है।
कृषि उप निदेशक डॉ. डी.एस पंत ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय सतत् खेती मिशन प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ-साथ बारानी क्षेत्रों का विकास व प्रदेश में अन्न उत्पादन की बढ़ती हुई मांग को पूरा करने की एक कुंजी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए विभाग ने कृषि उत्पादकता को विशेषतः बारानी क्षेत्रों में बढ़ाने के लिए टिकाऊ खेती हेतु राष्ट्रीय मिशन आरंभ किया है। इस मिशन के अंतर्गत जिला के झंडूता विकास खंड में दसलेहड़ा कलस्टर का चयन किया गया है। जिला में घुमारवीं विकास खंड में बाड़ी मझेड़वा कलस्टर का चयन किया गया है। जिस के अंतर्गत, प्रदर्शन प्रक्षेत्र वर्मी कम्पोस्ट पिटटों का निर्माण, प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन, कृषक भ्रमण कार्यक्रम तथा अन्य गतिविधियां कृषि बागवानी, पशु स्वास्थ्य एवं प्रजनन के माध्यम से की जा रही है।