मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के प्रयासों से हुआ संभव
बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश के जिला किन्नौर से हींग की खेती पर खुशखबरी आई है जहाँ हींग की खेती के लिए दिए गए पहले बीजों में अंकुरण होना शुरू हो गया है। यह अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है क्योंकि हर साल 8800 करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा हींग के आयात पर खर्च होती है लेकिन अब से हिमाचल के उपरी क्षेत्रों में मसालों का राजा हींग पैदा होगा। बता दें कि हींग का पौधा शुष्क ठंडी मरु भूमि में पैदा होता है, जो मुख्यतया ईरान, तुर्की, कजाकिस्तान, रूस, सीरिया और अफगानिस्तान के ठंडे क्षेत्रों में उगती है। भारत हींग के लिए पूरी तरह इन्हीं देशों पर निर्भर है। हींग का प्रथम बीज भारत में मंगवाने वाले वाणिज्यिक फसलों पर पिछले 17 वर्षों से शोध में लगे डॉ. विक्रम शर्मा के प्रयास अब सफल होने लगे हैं। वह लंबे समय से इसे प्रायोगिक तौर पर लगाने को केंद्र और प्रदेश सरकार से आग्रह कर रहे थे। पिछले दिनों उन्हें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुलाया था और कृषि और जनजातीय विकास मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने लाहौल-स्पीति में हींग का प्रथम परीक्षण करने में पूरा सहयोग किया। हींग गाजर प्रजाति का एक छोटा सा पौधा है, जिसकी आयु पांच वर्ष है। एक पौधा करीब आधा लीटर से एक लीटर तक हींग का दूध पैदा कर देता है। इसका बाजार में मूल्य 12 से 35 हजार तक है। बाजार में मिलने वाली हींग अशुद्धियों से भरपूर होती है। इसमें आटा और अन्य अशुद्धियां डाल कर बनाया जाता है। इसमें 80 से 95 प्रतिशत तक आटा मिला कर बाजार में बेचा जाता है।
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पिछले वर्ष मुश्किल से हींग का बीज ईरान से हासिल किया था। इसके बाद तुर्की और अफगानिस्तान से भी बीज हासिल किया। प्रायोगिक तौर पर हींग के बीज स्थानीय लोगों और कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कृषि विज्ञान केंद्र उदयपुर जिला लाहौल-स्पीति में दिए गए जिनमे से डॉ अजीत नेगी की मेहनत रंग लाई और हिमाचल में पहली बार बीजों में शुरू हुआ है। प्रदेश सरकार को इस विषय पर विशेष कार्य को प्रदेश में चल रहे शोध विश्विद्यालयों व अन्य शोध संस्थानों के साथ विभागों को संलग्न करके करना चाहिए। क्योंकि अन्तराष्ट्रीय वाणिज्यिक फसलो से प्रदेश की आर्थिक दशा सुधार सकती है। हींग व अन्य वाणिज्यिक फसलों पर सरकार ने दिया पूर्ण सहयोग का भरोसा दिया है जिसके लिए हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार।
डॉ विक्रम शर्मा
मंडल निदेशक
कॉफी बोर्ड वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
भारत सरकार दिल्ली

